दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून। मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने देहरादून में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के विरोध में वीरवार 20 जून को ‘देहरादून बंद’ का आह्वान किया है। संघर्ष समिति ने राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों, पूर्व सैनिकों, युवाओं और महिलाओं से बंद को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। मूल निवासियों को सोची-समझी साजिश के तहत मारा जा रहा, अस्तित्व बचाने सड़कों पर उतरें: मोहित डिमरी यह घोषणा बुधार दोपहर उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित संघर्ष समिति के पाधिकारियों ने की। नेहरूग्राम के डोभाल चौक पर हुए दीपक बडोला हत्याकांड और उत्तराखंड में बाहरी आपराधिक तत्वों के बढ़ते दखल के विरोध में संघर्ष समिति ने आंदोलन छीन का ऐलान किया।
दिवंगत दीपक बडोला की पत्नी और बहिन के साथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवासियों का अस्तित्व बचाने के लिए सभी को सड़कों पर उतरना होगा। आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं और लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। उत्तराखंड और खासकर राजधानी देहरादून में यहां के मूल निवासियों को सोची-समझी साजिश के चलते मारा जा रहा है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
दिवंगत बडोला की पत्नी को स्थाई नौकरी देने और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई और बाहरी लोगों को चिह्नित करने की मांग संघर्ष समिति के संयोजक ने बंद को सफल बनाने के लिए सभी लोगों से अपील की है। साथ ही उन्होंने दिवंगत रवि बडोला की पत्नी को स्थायी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा, घायलों का मुफ्त इलाज, उन्हें 20-20 लाख मुआवजा देने की सरकार से मांग की है। उन्होंने संघर्ष समिति की ओर से गोलीकांड मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग भी की। साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को चिन्हित करने की भी मांग उठाई।
आपराधिक लोगों को संरक्षण कौन दे रहा और हथियार कहां से आ रहे है की जांच होनी चाहिए
गोलीकांड में मृतक दीपक (रवि) बडोला की पत्नी उर्वी बडोला ने कहा कि अब उनके सामने अपने छोटे बच्चे के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। सरकार उनके परिवार को सुरक्षा दे। अपराधियों के पास हथियार कहां से आ रहे हैं और आपराधिक लोगों को कौन संरक्षण दे रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। रवि बडोला की बहन दीक्षा रतूड़ी ने कहा कि समाज को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह घटनाएं कल किसी और के साथ भी हो सकती हैं। अपराधियों को संरक्षण देने वालों की भी पहचान जरूरी है। पैरोल पर दुर्दांत अपराधी कैसे छूट रहे, इसकी जांच हो।
मूल निवास- भू कानून न होने से अपराधियों के हौंसले बुलंद
प्रांजल संघर्ष समिति के महानगर संयोजक अनिल डोभाल ने कहा कि मूल निवासियों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए सड़कों पर उतरना होगा। पेरोल पर दुर्दांत अपराधी कैसे छूट रहे हैं, इसकी भी जांच जरूरी है। समिति के सचिव प्रांजल नौडियाल और पंकज उनियाल ने कहा कि मूल निवास और भू-कानून न होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। लंबे समय से समिति इस लड़ाई को लड़ रही है। लेकिन, सरकार इन मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है।