किताब कौतिक मात्र एक मेला ही नहीं अपितु डिजिटल दुनिया में किताबों के लिए एक क्रांति भी है

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

हल्द्वानी : इन दिनों हल्द्वानी शहर में किताब कोथिक मेला लगा हुआ है इस मेले में कला और साहित्य के शौकीन लोग भारी संख्या में पहुंच रहे है और जमकर किताबो की खरीदारी कर रहे है।

इस विषय पर दी टॉप टेन न्यूज़ की नियमित पाठिका ललिता कापड़ी जो एक शिक्षिका और लेखक है कहती है की जिस दौर में पैदा होने से लेकर मरने तक का सफर मोबाइल फोन और लैपटॉप तक सिमट कर रह गया है। जहां डिजिटल दुनिया के एडिक्शन ने हम सभी के दिल और दिमाग को हैक कर लिया है। किताबों की जगह जीवन में बना पाना असाध्य प्रतीत होने लगा था। किताब कौतिक की पहल करना और इसे गांव-गांव और शहर-शहर पहुंचना इतना भी आसान नहीं। हेम पन्त व दयाल पांडे जी के मन का एक विचार,उस एक विचार के प्रति दृढ़ संकल्प, उसे सार्थक कर दिखाने का जुनून और पागल पन लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ रहा है।

आज के दौर में जहां लोग मेडिटेशन के लिए विभिन्न तरह के साधन ढूंढ रहे हैं यह जानना बहुत आवश्यक है कि किताबों से अच्छा मेडिटेशन तो कुछ और हो ही नहीं सकता। आंख, मन, दिमाग, हाथ सभी प्रकार की इंद्रियां कार्य कर रही होती हैं। किताब कौतिक के माध्यम से समाज में किताबों के प्रति जागरूकता व सकारात्मकता उत्पन्न होने लगी है। यह जुनून, जज़्बा और पागलपन लाखों लोगों का भाग्य पलट देगा। जहां लाइब्रेरी में किताबें दीमक खा रही हैं। “कौन खरीदेगा…..”सोचकर प्रकाशक व पुस्तक विक्रेता अपने सिर पर हाथ रख कर बैठे हैं। *”कोई नहीं पढ़ता….” यह सोचकर लेखक की कलम कुंठित हो चुकी है “किताब महंगी है….” बोल कर माता पिता बच्चों को किताब की जगह मोमो,बर्गर व महंगे मोबाइल फोन दिला रहे हैं।

हल्द्वानी किताब कौतिक का नज़ारा यह था कि जहां लोग थैलों में भर -भर कर किताबें ले जा रहे थे। प्रकाशकों के चेहरे व आंखों की चमक उनके हृदय की खुशी को व्यक्त कर रही थी। पचास से ज्यादा स्टॉल इस मेले में लगे। “धिनाली” प्रोडक्शन वालों ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि दो दिन की बिक्री ने एक लाख का आंकड़ा पार कर दिया है। विभिन्न प्रकार के शैक्षिक क्रियाकलाप, विभिन्न प्रकार की किताबें लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी। दर्जन भर से ज्यादा किताबों का विमोचन हुआ। साहित्यिक चर्चाएं हुई, बालकलाकारों ने अपनी कला का रंग बिखेरा। आज किताब कौतिक केवल उत्तराखण्ड का ही नहीं शायद दुनियाभर का सबसे बड़ा मेला साबित होने जा रहा है जिससे लोग किताबों की दुनिया में वापस लौट रहे हैं। दो दिवसीय हल्द्वानी किताब कौतिक शानदार व सफल रहा। हेम पन्त ,दयाल पांडे व पूरी किताब कौतिक की टीम को अनेकानेक शुभकामनाएं।

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