प्रसिद्ध कुमाऊनी लोक गायक प्रहलाद मेहरा के निधन से उत्तराखंड के संगीत जगत में शोक की लहर

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून : आज उत्तराखंड के संगीत जगत के लिए एक बहुत दुखद खबर सामने आई है कुमाऊनी प्रसिद्ध गायक प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया उन्होंने हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में 53 वर्ष की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली।

अल्मोड़ा आकाशवाणी के ए श्रेणी गायको में शुमार प्रहलाद की आवाज इतनी कर्ण प्रिय थी की एक बार जो सुन ले उनके साथ गुनगुनाए बिना नहीं रह सकता था।

प्रहलाद मेहरा को श्रद्धांजलि देते हुए अल्मोड़ा निवासी लता पांडे जिन्होंने दूरदर्शन और आकाशवाणी के लिए कई कुमाऊनी गीत गाए है और कला जगत में जाना पहचाना नाम है कहती है प्रहलाद मेहरा के निधन की दुखद खबर मिली मन बहुत आहत हो गया और संगीत जगत में शोक छा गया लगता है हमारे परिवार का एक सदस्य असमय ही दुनिया को छोड़कर चला गया

लता पांडे ने बताया कि उनमें सीखने की बहुत ज्यादा ललक थी अक्सर पूछा करते थे की दीदी इस झोड़े को किस तरह गा सकते हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रहलाद मेहरा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की उन्होंने लिखा है

प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक गायक श्री प्रहलाद मेहरा जी का निधन लोक संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

प्रहलाद दा ने लोक संगीत के माध्यम से हमारी संस्कृति को नई पहचान देने का अविस्मरणीय कार्य किया। आपके द्वारा गाए गए गीत सदैव देवभूमि की संस्कृति को आलोकित करेंगे।

ईश्वर से पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व प्रशंसकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं।

प्रहलाद मेहरा के कुमाऊनी लोक गीत पहाड़ की चेली ले, दु रवाटा कभे न खाया… ओ हिमा जाग… का छ तेरो जलेबी को डाब, चंदी बटना दाज्यू, कुर्ती कॉलर मां मेरी मधुली… एजा मेरा दानपुरा ने इस सुपर हिट गानों को अपनी आवाज देकर वह उत्तराखंड के लाखों लोगों के दिलों में छा गए। उनका हालिया हिट गीत रंगभंग था।

दी टॉप टेन न्यूज़ उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद मेहरा के असमय निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट करता है।ईश्वर उनके परिवार को इस दुखद घड़ी में संबल प्रदान करे।

विनम्र श्रद्धांजलि !

Verified by MonsterInsights