दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून : समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी प्रदान करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।
निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी और प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
यहां गौरतलब है की उत्तराखंड विधानसभा ने गत 7 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को सत्र के दौरान विधानसभा से पारित किया था.यूसीसी के तहत अब राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों को नियंत्रित किया जाएगा. यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राज्य में पिछले सभी निजी कानून खत्म हो जाएंगे।
उत्तराखंड में UCC के नियम होंगे प्रभावी
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपने अभिभावकों को देनी होगी जानकारी
इसकी जानकारी पुलिस को भी दी जाएगी, जानकारी छिपाने पर हो सकता है जुर्माना और जाना पड़ सकता है जेल
UCC के तहत एक से ज्यादा शादियों पर लगा दी गई है रोक
मुस्लिम समुदाय के लोग भी औपचारिक तौर पर तलाक हुए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे
UCC के तहत परिवार की संपत्ति में महिलाओं को भी मिलेगा बराबरी का हक
इस्लाम में हलाला और तीन तलाक जैसी प्रथाएं होंगी गैरकानूनी
UCC के चलते शादी, तलाक और बहुविवाह जैसे मामलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू नहीं होगा
अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होगा उत्तराखंड का UCC