दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून
प्रखण्ड रिखणीखाल के दो दर्जन गांवों बुंगलगड्डी से लेकर काण्डा नाला खदरासी तक नेटवर्किंग साइट्स की परेशानी को दूर करने तथा तैड़िया गांव में तैड़ियाखाल से लेकर ख्यूणीख्यात वन चौकी तक वन मोटरमार्ग बनवाने के साथ साथ विद्युतीकरण करवाने,पार्क से सटे गांवों में लैंटाना झाड़ी कटान पैदल मार्गों का सफाईकरण , खेती युक्त भू-भागों में सुरक्षा बाड़ घेरबाड़ को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान बिनीता ध्यानी ने विगत दिनों रिखणीखाल दौरे पर आए सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा तथा यथाशीघ्र कार्रवाई का आश्वासन पाया।
गौरतलब है कि प्रखण्ड रिखणीखाल के तैड़िया गांव में वन कानूनों के कारण न तो यातायात की सुविधा है और न ही विद्युतीकरण हो पाया। आनन-फानन में आठ वर्ष पूर्व यूपीसीएल से आरटीआई के तहत तत्पश्चात बिनीता ध्यानी द्वारा चालीस सोलर पैनल लगवाये जब यूपीसीएल द्वारा अपनी पीएम को भेजी आख्या में एक वर्ष पहले ही सूचना दे दी कि तैड़िया को विद्युतीकृत कर दिया है।अपना पल्ला झाड़ते हुए यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक को बात माननी पड़ी। यही नहीं पार्क से सटे गांवों में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं और ना ही नेटवर्किंग साइट्स काम कर रहे हैं। क्षेत्र में लगे बीएसएनएल के टावर शोपीस बन गए हैं।
नौ किमी दूर आकर करवाना पड़ रहा है राशनकार्ड सत्यापन
प्रखण्ड रिखणीखाल के सुदूरवर्ती गांव तैड़िया के ग्रामीणों को राशनकार्ड सत्यापन के लिए गल्ला विक्रेता के साथ हैड़ाग्वाड की धार पर आना पड़ रहा है। गौरतलब है कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा राशनकार्ड धारकों के सत्यापन के लिए बीस नवंबर तक तिथि निर्धारित की है। काण्डा नाला स्थित बीएसएनएल टावर से सत्यापन न होने की दशा में लोगों को नौ किमी दूर हैड़ाग्वाड या कभी बीस किलोमीटर दूर रथुवाढ़ाब तक जाना पड़ रहा है। यही नहीं कतिपय बार तो लोगों को पहले से ही राशन लेने कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। बिना अंगूठा लगाये अब राशन मिलना ग्राम पंचायत काण्डा के लिए चुनौती बन गया है। तैड़िया निवासी बुजुर्ग गोविन्द राम , मोहनलाल,चन्दा देवी,काण्डा निवासी खबर सिंह, कलावती देवी, प्रेम सिंह आदि का कहना है कि तीन बार काण्डा नाला जाने पर भी सत्यापन नहीं हो रहा है अब हैड़ाग्वाड जाकर
सत्यापन कराया जाना मजबूरी बन गई है। जबकि अब सपरिवार सत्यापन करवाया जाना है ऐसे में परिजनों को जिनके नाम राशनकार्ड में शामिल हैं को बाहर से बुलाना भी मुश्किल हो गया है। परिजन या बच्चे रोजगार हेतु बाहर हैं और यह वहन कर पाना भी आसान नहीं होगा।यदि सरकार मुखिया के अंगूठे से ही सत्यापन करवा देती तो सारे परिवार को परेशानी नहीं होती। ग्राम पंचायत प्रधान बिनीता ध्यानी का कहना है कि नेटवर्किंग साइट्स के चलते कई बार मुख्यमहाप्रबंधक देहरादून बीएसएनएल से वार्ता की गई कहां कि ओएफसी कैबल लाइन से प्रखण्ड के टावरों को सम्बद्ध का कार्य चल रहा है जिसमें लगभग छ: माह तक लगेंगे। मुख्यमंत्री के रिखणीखाल दौरे पर दिये ज्ञापन के प्रत्युत्तर में ओएसडी प्रेम सिंह राणा का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से केंद्र सरकार को अनुमोदन भेजा जा रहा है जल्द कार्रवाई होगी।
