दी टॉप टेन न्यूज़ /देहरादून
रिपोर्टर -मनोज नौडियाल कोटद्वार 26/6/2025
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में कोटद्वार की हल्दूखाता निवासी डा. माधुरी डबराल बीते 20 वर्षों से वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) तैयार कर किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं। माधुरी किसानों के बीच जाकर उन्हें रासायनिक उर्वरकों के दुष्परिणामों से परिचित कराने के साथ वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि भी सिखाती हैं। वर्तमान देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों को लगभग वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध कराकर । खुद भी स्वालंबी बन रही है और कई लोगों को रोजगार भी दे रही है।कोटद्वार के हल्दूखाता स्थित यूनिट में खाद बनाने का प्रशिक्षण भी देती ।
वर्ष 2009 में पीएचडी पूरी करने के बाद माधुरी ने पति शिवप्रसाद डबराल के साथ सोसाइटी फार हार्मोनाइजिंग, एग्रीकल्चर, प्यूपिल एड इनवायरमेंट (शेप) संस्था शुरू की। इसके जरिये उन्होंने वर्मी कंपोस्ट पर कार्य करने के साथ ही। साथ ही आमजन को केंचुआ पालन का प्रशिक्षण देने के साथ वर्मी कंपोस्ट को लेकर जागरूक किया, लेकिन इसका कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्टार्टअप योजना के तहत उन्होंने चरेख इंडिया प्राइवेट लिमिटेड संस्था बनाई जो आज सफलता पूर्वक काम कर रही है
डॉ माधुरी कहती है अगर हम जैविक उत्तराखंड की बात करते हो जैविक खाद की बहुत जरूरत है। यदि सरकारी तंत्र साथ दे तो वे ग्रामीणों को खाद बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ ही केंचुए भी उपलब्ध करवा देंगी।