दी टॉप टेन न्यूज़ /देहरादून
अल्मोड़ा में वर्ष 1979 में उत्तराखंड की संस्कृति संपदा के संग्रह, अनुरक्षण, अभिलेखीकरण, प्रदर्शन और उन पर शोध करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में राजकीय संग्रहालय की स्थापना की गई, वर्ष 1989से राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय के नाम से जाना जाता है , संग्रहालय में कुमाऊं एवम् गढ़वाल, के देवालयों के देवी देवताओं के आठवीं, दसवीं शती ई की मूर्तियों, प्राचीन लिपियों, कला, खान पान, वेश भूषा, चंद एवं कत्यूरी शासकों के ऐतिहासिक जानकारी का संग्रहण किया गया है। संग्रहालय में संजोकर रखी गई जानकारी के आधार पर शोधार्थियों को लाभ मिलता है, देश विदेश से पर्यटक भी यहां आते हैं।
पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय में क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी और संग्रहालय के प्रभारी निदेशक डॉ चंद्र सिंह चौहान के निर्देशन में वीथिका प्रभारी जनमेजय तिवारी और प्रयोगशाला विशेषज्ञ सोनी बिष्ट द्वारा लगभग साढ़े तीन हजार वर्ष से प्राचीन लिपियों, खंडित मूर्तियों, ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण संवर्धन के लिए संग्रहालय के प्रयोगशाला में रासायनिक उपचार किया जा रहा है, इसका लाभ विद्यार्थियों, शोधार्थियों को मिलेगा ।
पंडित जी बी पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा के प्रभारी निदेशक और क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ चंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पुरातत्विक धरोहरों, खंडित प्रतिमाओं, प्राचीन मुद्राओं, और पांडुलिपियों का रासायनिक उपचार इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि ऐतिहासिक धरोहर भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित रह सके।
राजकीय संग्रहालय के वीथिका प्रभारी जनमेजय तिवारी ने कहा कि संग्रहालय में प्राचीन कला कृतियां मौजूद हैं उनका संरक्षण हो सके इस उद्देश्य से रासायनिक उपचार किया जा रहा है, इनका संरक्षण शैक्षिक जागरुकता और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी किया जा रहा है
प्रयोगशाला विशेषज्ञ सोनी बिष्ट ने मूर्तियों, लिपियों, और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए रासायनिक प्रयोग के बारे में जानकारी दी।