दी टॉप टेन न्यूज़, देहरादून
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन की ओर से एक और बडी पहल की गई है. केदारनाथ में आने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए अब धाम में एक महिंद्रा थार कार को पहुंचाया गया है. इस कार की सहायता से यात्रियों को काफी आसानी होगी और किसी भी अपातकाल की स्थिति में यात्रियों को मदद मिल सकेगी।
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम भारी भीड़ उमड़ रही है. बड़े पैमाने पर तीर्थयात्रियों का केदारनाथ में पहुंचना जारी है. ऐसे में कई ऐसे यात्री भी पहुंच रहे हैं, जो शारीरिक तौर पर मंदिर तक पहुंच पाने में सफल नहीं हो पाते हैं. माना जा रहा है कि इस कार के जरिए ऐसे लोगों के लिए केदारनाथ धाम में मंदिर परिसर तक लाने-ले जाने की सुविधा दी जाएगी.
उत्तराखंड सरकार की ओर से यह सुविधा बहाल की गई है. इसके लिए महिंद्रा थार को चिनूक हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचाया गया है. केदारनाथ हेलीपैड से मंदिर परिसर की दूरी करीब 700 मीटर है. थार की सुविधा मिलने से जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा करने में आसानी हो जाएगी।
कांग्रेस ने केदार धाम में थार का किया विरोध
वहीं प्रदेश सरकार द्वारा केदारनाथ धाम में हैलीकॉप्टर से थार गाड़ी पहुंचाने के निर्णय को सर्वथा अनुचित बताते हुए कांग्रेस ने इसे केदारनाथ धाम में केंद्र व राज्य सरकार का केदार धाम को एक पिकनिक स्पॉट बनाने के प्रयासों में एक और कदम बताया । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पर्यावरणीय दृष्टि से अति संवेदनशील केदार धाम में पहले ही अंधाधुंध कंक्रीट के निर्माण व मंदाकिनी व सरस्वती नदी में खनन से ग्लेशियर पिघल रहे हैं और अगर केदार धाम में पेट्रोल वाहन चलने शुरू हो गए तो रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी और 2013 से भी भयंकर आपदा उत्तराखंड के लोगों को झेलनी पड़े इसमें कोई शक नहीं। धस्माना ने कहा कि अगर किसी दिव्यांग या बीमार व्यक्ति को ले जाने का तर्क है तो उसके लिए बैटरी संचालित वाहन का उपयोग किया जा सकता है किंतु सवारी व आराम के लिए अगर थार जैसी गाड़ियों के पहुंचाने का सिलसिला सरकार कर रही है तो यह सर्वथा अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए।