आज मोहिनी एकादशी है भगवान विष्णु के पूजन से नही होती धन धान्य की कमी

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून : हिंदू धर्म में एकादशी का दिन बहुत पावन दिन माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-पाठ विधिवत करता है, उसके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. वैशाख मास के शुल्क पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई को मनाई जा रही है. अगर इस दिन भगवान विष्णु की उपासना और एकादशी का व्रत विधि विधान से किया जाए तो ये जातक को इतना फल देती है कि जीवन से कष्ट और दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

इस एकादशी को क्यों मोहिनी एकादशी कहा जाता है

जब समुद्र मंथन हुआ तो अमृत प्राप्ति के बाद देवताओं और असुरों में भी इस पाने की होड़ मच गई थी। ताकत के बल पर असुर देवताओं से अधिक बलशाली थे। देवता चाहकर भी असुरों को हरा नहीं सकते थे। सभी देवताओं की आग्रह पर भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों को अपने मोह माया के जाल में फांसकर सारा अमृत देवताओं को पिला दिया। इससे सभी देवताओं ने अमरत्व मिल गया। यही वजह है कि इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।

एकादशी पर सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर आपको भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए.

भगवान विष्णु को पीले फूल, चंदन, हल्दी, फल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए. फिर मोहिनी एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें. जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी का व्रत कथा सुनता या पढ़ता है, उसे 1000 गोदान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है. विष्णु कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जो लोग रविवार व्रत रखते हैं, वे सुबह में स्नान बाद सूर्य देव की पूजा करें. उनको जल, गुड़ और लाल पुष्प से अर्घ्य दें. सूर्य देव के मंत्र का जाप करें या सूर्य चालीसा का पाठ करें।

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