शारीरिक शिक्षकों की भर्ती न करने के मामले में हाई कोर्ट ने एक बार फिर से शासन को दिया समय

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून : बीपीएड एमपीएड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष जगदीश पांडे द्वारा हाईकोर्ट आफ उत्तराखंड नैनीताल में रिट याचिका दायर कर प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व इंटरमीडिएट की कक्षाओं के लिए शारीरिक शिक्षा को नई शिक्षा नीति 2020 व राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अनुपालन में, अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने की मांग की गई थी। जिस पर मामले को सुनने के बाद माननीय न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकल पीठ द्वारा राज्य सरकार से चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा गया था और मामले को दिनांक 18 मार्च 2024 के लिए सूचीबद्ध किया गया था इस मामले में अधिवक्ता हेमंत सिंह महरा व केतन जोशी द्वारा माननीय न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की गई।

इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार केवल हाई स्कूल स्तर (कक्षा 9 वी कक्षा 10) के लिए ही शारीरिक शिक्षकों के पदों पर विज्ञप्ति जारी करती है और उन्हीं शिक्षकों से अन्य कक्षाओं में भी शिक्षण कार्य कराया जाता है जबकि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाओं के लिए शारीरिक शिक्षकों के पदों को भरने के लिए अलग-अलग अहर्ताएं हैं इसके बावजूद भी राज्य सरकार प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व इंटरमीडिएट की कक्षाओं के लिए शारीरिक शिक्षकों के यह शारीरिक शिक्षकों के पदों को भरने हेतु विज्ञप्ति जारी नहीं करती है जबकि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सभी कक्षाओं के लिए शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने को कहा गया है इसी के साथ ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जिसके द्वारा सर्वप्रथम न्यू शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश में लागू किया गया है इसके बाद भी इस विषय पर राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है यह मामला माननीय न्यायालय के सामने दिनांक 18 3.2024 को लिस्ट होकर आया जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को सुना गया परंतु सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं अधिवक्ता द्वारा कोर्ट से एक बार फिर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया जिस पर माननीय कोर्ट द्वारा सरकार को 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए निर्देशित किया गया है और मामले को अगली सुनवाई के लिए 21 मई 2024 के लिए फिक्स कर दिया गया है।

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