राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ‘संकल्प’ प्रकट किया था उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून : उत्तराखण्ड सरकार ने समान नागरिक संहिता- यू॰सी॰सी विधेयक को आज विधानसभा सत्र में सदन के पटल पर रखा। सत्र में आज यू॰सी॰ सी पर करीब चार घण्टे चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष के शोर शराबे के बीच आज सुबह समान नागरिक संहिता-यू॰सी॰सी विधेयक को सदन के पटल पर रखा। विधेयक को सदन में रखते ही पूरा सदन वंदे मातरम और जय श्री राम के नारों से गूंजने लगा। विपक्ष ने विधेयक को पढ़ने के लिए समय मांगा, जिसकी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने अनुमति दी और सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने समान नागरिक संहित की खूबियों पर अपनी बात रखी। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य ने यू॰सी॰सी विधेयक लाकर इतिहास रचा है। उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता लागू न होने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी यूसीसी को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग की। सदन पर करीब चार घण्टे यू॰सी॰सी पर चर्चा करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को कल पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन में कल भी यू॰सी॰सी पर चर्चा जारी रहेगी। गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता अधिनयम 2024 के मसौदे में शादी, तलाक, विरासत, बच्चा गोद लेने और बच्चों की अभिरक्षा से जुड़े मामलों को शामिल किया गया है।

यू॰सी॰सी विधेयक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ‘संकल्प’ प्रकट किया था, उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं। हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।

वहीं समान नागरिक सहिंता को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक सहिंता लागू करने का बड़ा साहस किया है। यह छोटे राज्य का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला है। जिसे पूरी दुनिया देखा रही है। यह सब माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सम्भव हो पाया है। इस ऐतिहासिक विधेयक के कानून बनने से समाज में कई कुप्रथाओं का अंत होगा और एक नये अध्याय का शुभारंभ होगा।

 

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