दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून: माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वावधान में आज नौ दिसंबर को सुबह 10 बजे से शाम 05 बजे तक जिला मुख्यालय देहरादून, बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर एवं डोईवाला, जनपद देहरादून के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामलें, चैक बाउन्स से सम्बंधित मामलें व अन्य शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामलें लगाये गये थे।
लोक अदालत में संदर्भित मामलों के निस्तारण हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा कुल 11 पीठों का गठन किया गया था इस लोक अदालत में शमनीय प्रकृति के 113 मामलें, चैक सम्बंधी 419 मामलें, धन वसूली सम्बंधी 13 मामलें मोटर दुर्घटना क्लेम ट्राईबुनल के 27 मामलें, पारिवारिक विवाद सम्बंधी 79 मामलें मोटर वाहन संबंधी अपराधों के 1278 मामलें एवं अन्य सिविल प्रकृति के 110 मामलें कुल 2041 मुकदमों का निस्तारण किया गया तथा 178985570 /- रू0 की धनराशि पर समझौता हुआ।
राष्ट्रीय लोक अदालत में महेश चन्द्र कौशिया, द्वितीय अपर जिला एवं सेशन जज, देहरादून की पीठ द्वारा 43 मामलें, आशुतोष कुमार मिश्रा, अपर जिला जज (वाणिज्यिक न्यायालय) देहरादून की पीठ द्वारा 29 मामले, रिंकी साहनी, सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग) देहरादून की पीठ द्वारा 123 मामले, लक्ष्मण सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून की पीठ द्वारा 827 मामलें संदीप सिंह भंडारी, द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेट, देहरादून की पीठ द्वारा 257 मामलें कपिल कुमार त्यागी, तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेट, देहरादून की पीठ द्वारा 241 मामलें, सुमन, अष्टम अपर सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग), देहरादून की पीठ द्वारा 229 मामले, धीरेन्द्र भट्ट, अपर कुटुम्ब न्यायाधीश, देहरादून की पीठ द्वारा 60 मामलें निस्तारित किये गये। साथ ही बाह्य न्यायालय मीनाक्षी दुबे, सिविल जज (कनिष्ठ प्रभाग), डोईवाला, देहरादून की पीठ द्वारा 95 मामले, नसीम अहमद, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ऋषिकेश की पीठ द्वारा 143 मामले, प्रीतू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विकासनगर की पीठ द्वारा 184 मामलें निस्तारित किये गये। इस लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के 12506 मामलों का निस्तारण हुआ तथा रू० 25929213 /- रू० की धनराशि के सम्बंध में आपसी समझौते किये गये।
सचिव वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री हर्ष यादव ने जानकारी देते हुआ बताया कि लोक अदालतें सरल व त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, लोक अदालतों में पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण कराते हैं, ऐसे आदेश अंतिम होते हैं तथा पक्षकारों को उनके द्वारा दिया गया न्यायशुल्क भी वापस कर दिया जाता है।