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रुद्रप्रयाग:आज जनपद रुद्रप्रयाग मुख्यालय के एसपी कार्यालय सभागार में राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से उत्तराखंड राज्य महिला आयोग द्वारा मानव तस्करी रोकने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विशेष रूप से जिला चमोली व रुद्रप्रयाग के विभागों के अधिकारियों, AHTU यूनिट की टीम ने भी हिस्सा लिया कार्यशाला में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि आज मानव तस्करी गंभीर समस्या है।
हमारे यहाँ 16 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं सहित शादीशुदा महिलाओं को भी इसका शिकार बनाया जा रहा है। जिन्हें सूझबूझ व सरकार की कुशल नीतियों के आधार पर समय रहते रेस्क्यू भी किया जाता रहा है। इस तस्करी के पीछे विभिन्न कारण है। राज्य में संचालित स्पा सेंटरों, होटलों, रिसोर्ट इत्यादि में मानव तस्करी के कई केस पाए गए हैं। यहां दूसरे राज्यों से युवतियों को लाया गया या हमारे राज्य की महिलाओं या युवतियों को यहां से बाहर बेचा या भेजा जा रहा है. इसे रोकने व कम करने के लिए विभिन्न अधिकारियों के साथ मंथन किया गया व प्रतिभागियों को तस्करी को रोकने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया।
वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया की आज प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जहां महिलांए विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही हैं उधर ही हमारी ग्रामीण व भोलीभाली महिलाओं व युवतियों को विभिन्न बाहरी व्यकितयों द्वारा बहला फुसला कर उनका गलत उपयोग किया जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने अनेक कड़े कानून व नियम बनाये है जिन्हें प्रभावी रूप से आरोपियों के विरुद्ध उपयोग किया जाए।
ट्रेनिंग के लिए आये हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनुराग बिसारिया ने बताया कि यौन शोषण से लेकर शादी या अन्य नाम के आधार पर यहां की लड़कियों की तस्करी की जा रही है। ट्रेनर राजेश कुमार ने बताया ऐसे केस भी सामने आ रहे है जिसमे ग्रामीण क्षेत्र की युवती से शादी के बाद उसे बाहर ले जाया गया उसके बाद उस लड़की की तस्करी कर दी गयी। ऐसे विभिन्न कारणों के लिए महिलाओं की तस्करी हो रही है।
मैक संस्था की टीम ने कहा कि मानव तस्करी को रोकने के लिए प्रीवेंशन मॉडयूल बेहद कारगर सिद्ध हुआ है।
आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मानव तस्करी रोकने के लिए माता पिता को भी जागरूक होना होगा। कई बार कुछ बिचौलियों माता पिता को अच्छे घर मे शादी, अच्छी नौकरी या पैसे आदि का प्रलोभन देकर उनके बच्चों को ले जाते हैं। जो मानव तस्करी का शिकार हो जाते हैं।
कार्यशाला में अनेक बिन्दु सामने आए, जो मानव तस्करी को रोकने में सहायक होंगे। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा, सीओ हर्षवर्धनि सुमन, महावीर पँवार, अजय सेमवाल, महिला हेल्पलाइन व हेल्पडेस्क प्रभारी, पंचायती राज विभाग अधिकारी, एसआई, विभिन्न ब्लाक प्रमुख व जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।