दी टॉप टेन न्यूज़ /देहरादून
आगामी 18 मार्च 2025 को आयुध निर्माणी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।गिरीश चन्द्र उप्रेती अध्यक्ष, जे,सी,एम,चतुर्थ, राष्ट्रीय परिषद सदस्य AIANGOS OLF रायपुर देहरादून उत्तराखंड ने जानकारी देते हुए बताया कि 2021 में निर्माणियों को कॉरपोरेट में विलय कर दिया गया और 2025 में हम ऑल इंडिया नों गैजेटेड ऑफीसर संगठन और हमारा महासंघ सिडरा डिफेंस रिकॉग्नाइज संगठन है।
गिरीश उप्रेती बताते है की एआईएएनजीओ संगठन 1932 में पुणे के अंदर काम करना शुरू किया उस समय अंग्रेजी शासन था उसके बाद भी अपनी बात को रखने के लिए अपने हक और अधिकार के लिए अंग्रेज अधिकारियों के सामने बातचीत करने के बाद कर्मचारियों के समस्याओं का निदान होता था।
आयुध निर्माण की पहली फैक्ट्री 1801 में गन सैल फैक्ट्री कोलकाता में लगी उसके बाद अंग्रेजी शासन में जो फैक्ट्रियां लगी उनमें सैनिकों का साजो समान बनाया जाता था जूते से लेकर टोपी तक पिस्तौल से लेकर टैंक तक मोटरसाइकिल से लेकर 1 टन से फोर टन तमाम गाड़ियां जो भारतीय सेवा और अंग्रेजी सेना के काम आती थी।
गिरीश उप्रेती कहते है की सन 1939 में आयुध निर्माणी रायपुर का गठन हुआ उसके बाद 1983 में ओ एल एफ का मसोदा बनाया गया सन 1985 से भर्ती और 1988 मे फैक्ट्री को बनाने का मकसद स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देना था और सेना का साजो समान तैयार करना था। आज हम अपनी 225वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे हैं जबकि 2021 के बाद कॉरपोरेट होने पर अजीबोगरीब स्थिति पर आज यहां का कर्मचारी है अभी 2025 दिसंबर तक डेपुटेशन में कार्य किया जाएगा उसके बाद कर्मचारियों का क्या होगा उनका डेपुटेशन बढ़ेगा या नहीं बढ़ेगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता कर्मचारियों में अपने और अपने परिवार के भविष्य की चिंता साफ दिखाई पड़ती है । फिर भी आज हम सब अपनी 225वीं वर्षगांठ मना रहे हैं आयुध निर्माणी संगठन को 225 साल में जिन भी कर्मचारियों ने इस संगठन को इस मुकाम तक पहुंचने में अपना अहम योगदान दिया हम उन सभी पूर्व कर्मचारियों को वर्तमान कर्मचारियों को अधिकारियों को कोटि-कोटि साधुवाद देते हैं कोटि-कोटि नमन करते हैं ।
गिरीश उप्रेती कहते है की आगे यह संगठन इसी तरह फलते फूलते रहे यही कामना करते हैं और इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए यह एक अहम विषय भी 2004 के बाद देश के अंदर जो भी कर्मचारी राज्य कर्मचारी हो या केंद्रीय कर्मचारी हो उसकी पेंशन नहीं दी जाएगी इस पर तमाम संगठन ओल्ड पेंशन की मांग उठातेआ रहे हैं और उठाते रहेंगे एकता में शक्ति है एकता में विश्वास है और एकता ही ओल्ड पेंशन का लाभ दिला सकती है
इसके साथ ही गिरीश उप्रेती कहते है की यह मेरी निजी राय है और भी बहुत कुछ है मगर 18 तारीख को तमाम संगठन जो आए थे निर्माणी में कार्य करते हैं वह अधिकारी हो या कर्मचारी हो अपने संगठन की 225वीं वर्षगांठ बनाएंगे और किस मन से मनाएंगे यह वही जानते हैं।