शिक्षक सेमिनार का आयोजन

 

दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून

जनजाति पखवाड़ा तथा भारतीय भाषा उत्सव 2024 के अंतर्गत दिनांक 16-17 दिसंबर 2024 को टीचर्स लर्निंग सेंटर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन खटीमा में शिक्षक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य थारू जीवन तथा भारतीय भाषाओं के संदर्भ में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों का मूल्यांकन था। खंड शिक्षा अधिकारी भानु प्रताप कुशवाहा की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ, अपने अध्यक्षीय संबोधन में भानु प्रताप कुशवाहा ने कहा कि शिक्षा के संबंध में सांस्कृतिक प्रतीकों पर काम करने की जरूरत है, तभी युवा पीढी का बौद्धिक विकास संभव है। उन्होंने थारू समाज में सांस्कृतिक प्रतीकों की पहचान तथा उनका इस्तेमाल और आधुनिक संदर्भ में परिष्कृत करने को महत्वपूर्ण माना।

इस अवसर पर ललित मोहन राणा द्वारा निर्मित थारू समाज से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई जिसमें थारू समाज का इतिहास, भौगोलिक परिस्थितियों, रीति रिवाज, खान-पान, धार्मिक प्रतीक, आवास, जनसंख्या और शिक्षा से जुडी घटनाएं सम्मलित थी।
शिक्षकों ने स्कूलों में उन गतिविधियों पर अनुभव साझा किये जो थारू जीवन पद्धति को ध्यान में रखकर संपादित किए गए।

राम नारायण वर्मा ने युवा पीढ़ी के मध्य नशे और बेगारी पर चिंता व्यक्त की। निर्मल न्योलिया मीडिया ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों को अगर देखें तो थारू जीवन पद्धति एक आदर्श जीवन पद्धति रही है जिसके प्रत्येक गतिविधि के केंद्र
में पर्यावरण रहा है आवास से लेकर धार्मिक गतिविधियों के केंद्र में भी प्रकृति रहती है।

डॉ महेंद्र प्रताप पांडे ने भाषा के संदर्भ में अपनी बात रखी और कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना भाषा से बड़े बड़े नजदीक से जुड़ी हुई है, उन्होंने भाषा भारतीय भाषा उत्सव के संबंध में सुब्रमनयम भारती के जीवन परिचय और उनके लेखन पर अपनी बातें साझा की। नवीन पोखरिया ने थारू भाषा के संरक्षण से जुड़े अनुभव साझा किये। इस अवसर पर खटीमा ब्लॉक के शिक्षक
देवकीनंदन परगाई, राम रतन यादव, रामस्वरूप गंगवार, डॉ अतर सिंह, हरिओम पारखी, रामनारायण वर्मा, कमल भंडारी, राजीव सिंह राणा, ताजवर् खत्री, राधा तिवारी, दिव्य प्रकाश जोशी, आलोक कुमार उपस्थित रहे।

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