स्वास्थ्य उपकेन्द्र मुछियाली के उच्चीकरण को मिली सरकार की मंजूरी

दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून

देहरादून, 10 जुलाई :स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के दृष्टिगत पौड़ी जनपद के कोट ब्लॉक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने स्वास्थ्य उपकेन्द्र मुछियाली के उच्चीकरण को मंजूरी दे दी है। मुछियाली उपकेन्द्र के अपग्रेडेशन से नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर टीकाकरण से लेकर इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय अंचलों में आम लोगों बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिये दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि पौड़ी जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार देते हुये कोट ब्लॉक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने स्वास्थ्य उपकेन्द्र मुछियाली के उच्चीकरण की मंजूरी दे दी है। शीघ्र ही शासन स्तर से इसका शासनादेश जारी कर दिया जायेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि मुछियाली में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना होने से क्षेत्र की लगभग 6 हजार से अधिक आबादी को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र पर प्राथमिक उपचार की सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध होगी इसके अलावा पल्स पोलियो अभियान, शिशु टीकाकरण, संस्थागत प्रसव सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी स्थानीय लोगों को मिल सकेगा।

डा. रावत ने बताया कि कोट ब्लॉक के मुछियाली में सरकारी अस्पताल खोलने को लेकर स्थानीय लोगों की लम्बे समय से मांग रही है, जिसको राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य उपकेन्द्र मुछियाली पर विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की निर्भरता अधिक होने व उपकेन्द्र के 20 किलोमीटर के दायरे में कोई राजकीय चिकित्सा इकाई न होने के फलस्वरूप आईपीएचएस के अंतर्गत जनसंख्या मानकों में शिथिलता प्रदान की गई है।

डा. रावत ने बताया कि ग्रामीणों को इलाज के जिला चिकित्सालय पौड़ी या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोट आना पड़ता है जो लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर हैं। उन्होंने कहा कि मुछियाली में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुलने से जहां लोगों को समय पर इलाज मिलेगा वहीं उन्हें शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। जिससे ग्रामीणों के समय और पैसे की भी बचत होगी।

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