दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून : उत्तराखंड के एक उभरते सितारे कार्तिकेय कुँवर को आईआईएससी बैंगलोर में प्रतिष्ठित विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम के लिए चुना गया है। सरकारी स्कूल के छात्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर में उन्हें बुलाया गया है।
हम आपको बता दें कि चमोली जिले के थराली के निवासी 17 वर्षीय कार्तिकेय कुंवर को जो एक सरकारी स्कूल के छात्र है को प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर में विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम (एसईपी) SEP@IISc- 2024 में भाग लेने के लिए चुना गया है।
कार्तिकेय अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में विशेष रुचि रखते है और एयरोस्पेस इंजीनियर बनना चाहते हैं वहीं कार्तिकेय आईआईटी मद्रास में प्रवेश के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है और इसी मेहनत का नतीजा है की कार्तिकेय ने ऑनलाइन परीक्षा और साक्षात्कार राउंड में सफलता हासिल की और देश भर से चयनित होने वाले छात्रों के बीच आईआईएससी बैंगलोर में 15 मई से 15 जून तक होने वाले एसईपी कार्यक्रम में शामिल होने के लिये सफल हुए।
कार्तिकेय को मेन्टर शिक्षक का मिला सहयोग –
एससीईआरटी के आईटी संकाय, रमेश बडोनी ने इस कार्यक्रम में कार्तिकेय को चयनित होने के लिए पूरी तरह से मेहनत करने में मदद की और समय समय पर दिशा निर्देश दिए।
कार्तिकेय का जन्म 12 मई 2007 को थराली में हुआ। उनके पिता के एक दुकान चलाते है और माता एक गृहणी है। वर्तमान में कार्तिकेय जीएमआईसी थराली में पढ़ रहे हैं और उन्होंने अपनी शिक्षा भी इसी विद्यालय से शुरू की थी और 10 वीं कक्षा में,उन्होंने गणित में पूरे 100 अंक और विज्ञान में 98 अंक हासिल करके उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में छठा स्थान हासिल किया है, फिलहाल कार्तिकेय 12वीं कक्षा में है और पूरी लगन से जेईई परीक्षा की तैयारी में जुटे है।
जाने क्या है एसईपी :-
एसईपी एक अग्रणी पहल है जिसका उद्देश्य कार्तिकेय जैसे उच्च उपलब्धि वाले छात्रों को उन्नत एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) अनुभव में पारंगत होने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह प्रतिभागियों को आईआईएससी के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों से सीखने और संकाय मार्गदर्शन के तहत परियोजनाओं में संलग्न होने का अवसर प्रदान करता है। इन परियोजनाओं की परिणति को छात्रों द्वारा तैयार की गई रिपोर्टों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है, जिसमें उनके निष्कर्षों और सीखने के परिणामों पर प्रकाश डाला जाएगा।
इन्होंने दी बधाई व सहयोग–
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में कार्तिकेय के चयन होने पर अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, उत्तराखंड की निदेशक बंदना गर्ब्याल ने सराहना की है और उन्हें बधाई दी और उन्होंने कहा की अन्य छात्रों को प्रेरित करने के लिए ऐसी सफलता की कहानियों को प्रचार प्रसार के माध्यम से अन्य लोगो को बताया जाए।
वहीं कार्तिकेय की इस उपलब्धि पर जीएमआईसी के प्रधानाचार्य महिपाल सिंह ने बधाई दी और जरूरत पड़ने पर कार्तिकेय के सहयोग का आश्वासन दिया।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्य अम्बरीष बिष्ट ने अपने संदेश मे कहा कि उनकी फाउंडेशन यदि जरूरत हुई तो कार्तिकये को सहयोग देने मे अग्रणी रहेगी।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और आईआईएससी की प्रोफेसर भगवती जोशी ने रमेश बडोनी को कार्तिकेय को सभी आवश्यक मदद देने के लिए अपनी सहमति दी है। विशेष रूप से, जोशी, जो उत्तराखंड के चमोली जिले की रहने वाले हैं, सिलिकॉन वैली, कैलिफोर्निया में काम करने के बाद अपने देश की सेवा करने के लिए लौट आए हैं ।
अपर निदेशक अजय नौडियाल एवं अन्य शिक्षा अधिकारियों ने भी कार्तिकेय को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उनकी सफलता पूरे उत्तराखंड और उसके बाहर के छात्रों के लिए आशा और प्रेरणा की किरण है।
इसके अलावा, अगस्त्य और नवम फाउंडेशन के सीईओ नितिन देसाई ने कार्तिकेय की यात्रा के खर्च और अन्य सहयोग देने को कहा है। देश भर में कार्तिकेय जैसे कई योग्य छात्रों को सहायता प्रदान करने में देसाई सदैव तत्पर रहते हैं।