दी टॉप टेन न्यूज़, देहरादून
देहरादून :पूरी दुनिया में आज यानी 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जा रहा है. इस वर्ष मजदूर दिवस की थीम है “जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना”इस दिन मजदूरों के कार्य के प्रति सम्मान जताया जाता है.साल 1886 में मजदूर दिवस की शुरुआत हुई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस” पर जारी अपने बधाई संदेश में प्रदेशवासियों एवं श्रमिकों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने श्रमिकों को कर्मयोगी बताते हुए कहा कि किसी भी देश की तरक्की में वहां के कामगारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इससे एक बेहतर और समृद्ध राष्ट्र की नींव तैयार होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में श्रम कानूनों का अनुपालन तथा श्रमिकों के कल्याण के लिये राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है।
ये दिन असल में मजदूरों के अधिकारों, सामाजिक न्याय और कामकाजी परिस्थितियों पर बात करने, दिक्कतों को जानने और इन स्थितियों में सुधार करने से जुड़ा हुआ है और यह दिवस मजदूरों के प्रति, उनके अधिकारों के प्रति आम लोगों और खुद मजदूरों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
यहां से हुई 1 मई को मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत
साल 1886 में शिकागो के हेमार्केट में एक दंगा भड़का। दरअसल, इस दंगे का कारण था 15-15 घंटे काम करना जो कि श्रमिकों की जान ले रहा था। लाखों मजदूर इस दौरान सड़क पर थे और उनकी मांग थी कि उनके काम के घंटों को 8 घंटे कर दिया जाए। साथ ही हफ्ते में कम से कम 1 छुट्टी तो जरूर दी जाए।
हड़ताल के दौरान पुलिस और मजदूरों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कि कई पुलिस अधिकारियों सहित आम लोगों की मौत हो गई। इस घटना की याद 1 मई 1889 में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस रखा गया और इस दौरान तय किया गया कि यह दिन दुनिया भर में मजदूरों की एकजुटता, समानता और सामाजिक न्याय के लिए मनाया जाएगा और यहां से हुई मजदूर दिवस की शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कई देशों में राष्ट्रीय अवकाश होता है. इस दिन को खासतौर पर श्रमिकों की उपलब्धियों और योगदान को उजागर करने के लिए कई कार्यक्रम और सेमिनार का आयोजन किया जाता है. कुछ स्थानों पर, रैलियां निकाली जाती हैं. जबकि श्रमिकों और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर और बैनर का उपयोग भी किया जाता है।
वहीं 1 मई को भारत में भी कई कंपनी और संस्थाओं में छुट्टी होती है। हालांकि, ये हर राज्य में नहीं होता। जैसे कि 1 मई को तमिलनाडु, बंगाल, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और बिहार में छुट्टी होती है। ये दिन भारत में सबसे पहले द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने चेन्नई में मनाया था।