The Top Ten News
The Best News Portal of India

विटिलिगो यानी सफेद दाग छुआछूत की बीमारी नही है, इस वजह से होता है यह रोग

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून-हर साल दुनियाभर 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है. विटिलियो यानी कि सफेद दाग दरअसल, त्‍वचा से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्किन अपना रंग खोने लगती है और ये पैच जैसे नजर आने लगते हैं. यह एक ऑटोइम्‍यून डिजीज है जो किसी भी इंसान को कभी भी हो सकता है. इसे लेकर समाज में काफी मिथ‍ भी हैं जिसमें से एक है कि यह छुआछूत से बढ़ता है. इन मिथों को दूर करने और इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए आज यानी 25 जून को वर्ल्‍ड विटिलिगो डे मनाया जाता है।

विटिलिगो या सफेद दाग को लेकर समाज में ऐसे कई सारे मीथ हैं. जैसे यह यह एक छुआछूत की बीमारी है. यह को पूर्व जन्म का पाप, जो मछली के साथ दूध पी लेता है उसे यह बीमारी हो जाती है. ऐसी कई सारी बातें हैं. इन सब बातों के अलावा समाज का एक ऐसा पक्ष भी है जो लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरुक करने की कोशिश कर रहा है. इसी का नतीजा है कि हर साल 25 जून को विटिलिगो डे के रूप में मनाया जाता है. विटिलिगो एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है. जिसमें स्किन पर सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं. शुरुआत में यह  हाथ-पैर में फैलने लगता है लेकिन धीरे-धीरे यह चेहर पर फैल जाता है. बालों और भौहों पर भी फैलने लगता है. इस बीमारी की वजह से बाल का रंग भी सफेद होने लगता है।

विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इसमें हमारे शरीर की एंटीबॉडी मेलानोसाइट्स पर हमला करके नष्ट कर देती है. जिसके कारण यह जीन के जरिए फैमिली में एक मेमंबर से दूसरे मेंबर में फैलती है. अगर माता-पिता में से किसी विटिलिगो है तो संभव है कि आने वाले समय में उसके बच्चे को भी होगा. विटिलिगो सनबर्न, इमोशनल डिसट्रेस और कैमिकल की वजह से ज्यादा बढ़ सकता है। 

विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इसमें हमारे शरीर की एंटीबॉडी मेलानोसाइट्स पर हमला करके नष्ट कर देती है. जिसके कारण यह जीन के जरिए फैमिली में एक मेमंबर से दूसरे मेंबर में फैलती है. अगर माता-पिता में से किसी विटिलिगो है तो संभव है कि आने वाले समय में उसके बच्चे को भी होगा. विटिलिगो सनबर्न, इमोशनल डिसट्रेस और कैमिकल की वजह से ज्यादा बढ़ सकता है। 

विटिलिगो के शुरुआती संकेत

विटिलिगो में स्किन अपना कलर खो बैठती है।

विटिलिगो होने पर सबसे पहले इसका लक्षण व्यक्ति के कोहनी, मुंह, नाक और आंखों के ऊपर दिखाई देता है. 

विटिलिगो में सबसे पहले सिर पर धब्बे दिखाई दे सकते हैं बालों का रंग भी बदल सकता है। 

यह समस्या होने पर डरे नहीं बल्कि तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसका इलाज करवाएं. इस बीमारी को लेकर जागरुक रहें। 

Comments are closed.

Verified by MonsterInsights