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मोहिनी एकादशी पर विशेष

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

आज 12 मई दिन गुरुवार है, आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है,और एकादशी तिथि की हिन्दू धर्म मे बहुत मान्यता हैआजमोहिनी एकादशी है। आज व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मोह माया, पाप और कष्ट से मुक्ति मिलती है. मोहिनी एकादशी व्रत कथा को सुनने मात्र से 1000 गायों को दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. असुरों से देवों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वैशाख शुक्ल एकादशी को अपना मोहिनी अवतार धारण किया था. यह उनका एक मात्र स्त्री अवतार है. भगवान राम ने जब वशिष्ठ मुनि से पाप और दुखों का अंत करने वाले व्रत के बारे में पूछा था, तो उन्होंने मोहिनी एकादशी के बारे में बताया था. इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद जीवात्मा को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

वैसे भी आज गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए है. आज एक व्रत करने से मोहिनी एकादशी और गुरुवार व्रत का लाभ प्राप्त किया जा सकता है. गुरुवार के दिन गुड़, हल्दी, घी, पीले वस्त्र, पीतल के बर्तन आदि का दान करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है. जिसके कारण कार्यों में सफलता मिलती है और यश एवं कीर्ति में वृद्धि होती है. आज के दिन आप भगवान विष्णु के मंत्रों या फिर गुरु के बीज मंत्र का जाप करके लाभ ले सकते हैं ।

मोहिनी एकादशी 2022

वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत: 11 मई, बुधवार, शाम 07:31 बजे सेवैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 12 मई, गुरुवार, शाम 06:52 बजे।

मोहिनी एकादशी वाले दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक है. ऐसे में आज आप सुबह 05:32 बजे से मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं. आज का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है।

मोहिनी एकादशी पूजा मंत्र

ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:

मोहिनी एकादशी पारण

आज जो मोहिनी एकादशी का व्रत हैं, वे कल 13 मई को सूर्योदय के बाद पारण कर सकते हैं. इस दिन आप करीब सवा आठ बजे तक पारण कर लें।

मोहिनी एकादशी का भोग

मोहिनी एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु को मखाने का खीर भोग लगाएं. उनको खीर बहुत प्रिय है.
मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद मोहिनी एकादशी व्रत एवं भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प करें.
2. उसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ करें. भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं. फिर उनको चंदन, अक्षत्, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें.
3. अब आप भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं. इस दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें.
4. इसके पश्चात विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें.
5. रात्रि के समय में भगवत जागरण करें और अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Thetoptennews इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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