दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून -भारत का मून मिशन यानी चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. इसरो ने लैंड कराने की तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस शुरू किया जाएगा. हालांकि, अभी लैंडर मॉड्यूल के निर्धारित जगह पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. इसके 5.44 बजे तक पहुंचने की उम्मीद है.
चंद्रयान-3 साउथ पोल इलाके में लैंडिंग करेगा. अगर लैंडिंग सफल होती है, तो भारत साउथ पोल इलाके में पहुंचने वाला पहला, जबकि सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश होगा. भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं. इसरो के इस महत्वाकांक्षी मिशन को लेकर पूरे देश में उत्साह है. चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर पूजा अर्चना का दौर जारी है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) में ऐतिहासिक चंद्रयान-3 लैंडिंग की एक केंद्रीकृत स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया है. अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह वैज्ञानिक सचिवों के साथ CSIR मुख्यालय से विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग देखेंगे. वहां स्कूली बच्चे और शिक्षक भी मौजूद हैं.
23 अगस्त को ही क्यों हो रही लैंडिंग
चांद पर 14 दिन तक दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है. अभी वहां रात है. इसरो सभी चीजों की गणना करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि 23 अगस्त से चांद पर दिन होगा. यानी वहां सूरज निकलेगा. ऐसे में जब चंद्रयान की लैंडिंग होगी, तब दक्षिणी ध्रुव पर सूरज की रोशनी उपलब्ध रहेगी. चंद्रयान-3 का लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद अपने मिशन का अंजाम देने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा. 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलेगी, जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और अपने मिशन को अंजाम देगा।
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