दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अब झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। इनके अलावा 12 राज्यों में राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर में अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी।
शिवाजी पर बयान के बाद विवादों में थे कोश्यारी, शाह से पूछा था- पद पर रहें या नहीं
छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में रहने वाले महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को 6 दिसंबर को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। उन्होंने गृहमंत्री से पूछा था- उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं।
कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे।
कोश्यारी का राजनीतिक सफर
जिस तरह भगत सिंह कोश्यारी का कद था, उस तरह उन्हें बड़े बद नहीं मिल पाए. या यूं कहें कि बड़े पदों पर वो ज्यादा वक्त तक नहीं टिके. उत्तराखंड के बागेश्वर से आने वाले भगत सिंह कोश्यारी ने अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. कोश्यारी छात्र राजनीति में काफी सक्रिय थे, जिसके बाद वो आरएसएस से भी जुड़ गए. बतौर आरएसएस नेता उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलनों में हिस्सा लिया और जेल भी गए.
भगत सिंह कोश्यारी का राजनीतिक सफर 1997 में शुरू हुआ, जब वो विधायक चुने गए. तब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था. साल 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद वो ऊर्जा मंत्री रहे. इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी को उनकी मेहनत का इनाम मिला और 2001 में उन्हें उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बना दिया गया. हालांकि एक साल बाद चुनाव हुए और बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई. यानी करीब एक साल तक कोश्यारी सीएम पद पर रहे.
साल 2007 में फिर विधानसभा चुनाव हुए और उत्तराखंड में बीजेपी ने एक बार फिर सरकार बनाई. इस बार कोश्यारी फिर से सीएम पद पर बैठने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उनकी जगह भुवन चंद खंडूरी को सीएम बना दिया गया. इसके बाद 2008 में कोश्यारी को उत्तराखंड से राज्यसभा भेज दिया गया. इसके अलावा कोश्यारी उत्तराखंड बीजेपी के भी अध्यक्ष रहे.
उत्तराखंड की राजनीति में भगत सिंह कोश्यारी लगातार हाशिए पर आते रहे, क्योंकि वो आरएसएस के पुराने नेता रहे इसीलिए बीजेपी ने 2019 में उन्हें राज्यपाल का पद सौंप दिया. जिसके बाद इस पद पर रहते हुए वो काफी विवादों में रहे और ताजा शिवाजी महाराज विवाद के बीच उन्होंने पद छोड़ने की इच्छा जताई है.
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