दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देश मे अग्निपथ योजना लागू करने के विरोध में बेरोजगार संगठनों के पदाधिकारियों ने और युवाओं ने राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जमकर अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा की केंद्र सरकार की इस नीति का हम विरोध करते है युवाओं ने भाजपा की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए गए पोस्टरों, बैनरों को फाड़ डाला और केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं पिथौरागढ़ जिले में युवाओं ने सिल्थाम में जाम लगाया, जिस कारण यहां हजारों लोग जाम में फंस गए।
सिल्थाम में युवाओं ने सभा की और अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए कहा कि सरकार युवाओं के हाथों से रोजगार का एक बड़ा अवसर छीन रही है।
खासकर पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए सेना ही रोजगार का एक बड़ा माध्यम रहा है। इससे पहाड़ के युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। अग्निवीर योजना में भर्ती होने वाले युवाओं में से 75 प्रतिशत को चार साल बाद घर लौटना होगा।
हंगामा कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की। कहा यह युवाओं के साथ धोखा है। इस विरोध प्रदर्शन में युवाओं ने सेना की वर्दी टोपी पहन कर जुलूस के दौरान सड़कों पर डिप्स लगाए। युवाओं ने कहा कि सरकार ने उनके लिए रोजगार के दरवाजे बंद कर दिए हैं। अग्निपथ योजना को वापस लेने के साथ ही रूकी हुई सेना की भर्ती दोबारा नहीं कराए जाने तक उनका विरोध जारी रहेगा।
वहीं प्रदेश के खटीमा में भी सैकड़ों युवाओं ने खटीमा नगर की सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने खटीमा नगर में जुलूस निकाला और विरोध जताया. युवाओं ने खटीमा तहसील पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की. इस मौके पर आक्रोशित युवाओं ने कहा कि पूरे देश में युवा सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. देशभर का युवा सरकार से मांग करता है कि इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. युवाओं का कहना है कि पिछले 2 साल से वह सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का भी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर पूरे देश में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया है जो कि देश के युवाओं के विरोध में है
यहां गौरतलब है की इस योजना के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के लिए नई भर्तियां होंगी. चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा. शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है।वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया 90 दिन बाद शुरू हो जाएगी।
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