दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
देहरादून-एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि एचडीएफसी लिमिडेट का देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक के साथ विलय एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के बोर्ड की बैठक 30 जून को होनी है।
चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा की एचडीएफसी लिमिटेड का विलय एचडीएफसी बैंक के साथ एक जुलाई से प्रभावी होने जा रहा है।
एचडीएफसी के वाइस-चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा कि कंपनी के शेयरों में कारोबार 13 जुलाई को बंद हो जाएगा।
एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा वित्तीय लेन देन माना जा रहा है। पिछले साल 4 अप्रैल को एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक में मर्जर की घोषणा की गई है। इस डील वैल्यू करीब 40 अरब डॉलर होगी, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा लेनदेन बनाती है। इस विलय के बाद नई संस्था के पास करीब 18 लाख करोड़ की संपत्ति हो जाएगी।
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
इस मर्जर का ग्राहकों को काफी फायदा मिलेगा, क्योंकि इस विलय के बाद बैंक की कैपिटल पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी। बैंक पहले के मुकाबले अधिक जोखिम वाले लोन दे पाएगा। इसके साथ ही मौजूदा समय में एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक की सेवाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को अलग-अलग ब्रांच में जाना पड़ता था, लेकिन अब एक ही ब्रांच में जाने से आपका काम बन जाएगा।
इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत पब्लिक शेयरधारकों का हो जाएगा। एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों को बैंक की 41 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। एचडीएफसी लिमिटेड के हर 25 शेयर के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे।
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