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उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के लिए असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पीएचडी होना जरूरी नही

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून-यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने एक नया नोटिस जारी कर असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए योग्‍यता मानदंड में बदलाव किया है. अब कैंडिडेट्स को असिस्‍टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए PhD होना जरूरी नहीं है. सभी उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के लिए असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET ही न्‍यूनतम मानदंड है. यानी इन परीक्षाओं में क्‍वालिफाई होने वाले उम्‍मीदवार बगैर PhD किए ही सीधे असिस्‍टेंट प्रोफेसर बन सकते है।

अब सवाल ये उठता है कि जो कैंडिडेट्स PhD कर रहे हैं या कर चुके हैं, उनकी डिग्री क्‍या बेकार जाएगी? नया नियम लागू होने के पहले तक असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए PhD की अनिवार्यता लागू थी, जिसके चलते NET क्‍वालिफाइड या JRF पाने वाले कैंडिडेट्स को मजबूरन PhD में दाखिला लेना पड़ता था. मगर अब नया नियम लागू होने के बाद PhD की उपयोगिता को लेकर स्‍टूडेंट्स परेशान हैं।

UGC ने 06 जुलाई को जारी डिटेल्‍ड नोटिफिकेशन में यह स्‍पष्‍ट किया है कि अब असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए कैंडिडेट्स के पास इन 2 में से 1 योग्‍यता होनी जरूरी है. पहली यह कि मास्‍टर्स डिग्री धारक उम्‍मीदवार NET/SET/SLET का एग्‍जाम क्‍वालिफाई करें. दूसरी यह कि कैंडिडेट के पास PhD की डिग्री हो।

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