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अब कुमाउनी में भी पढ़ सकते है रामायण, लोक भाषा कुमाउनी में डॉ शैलज ने किया रामायण का रुपांतरण

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ0 विश्वम्भर बिशन दत्त जोशी 'शैलज' द्वारा लिखित पुस्तकों 'कुमाउनी रामायण रुपांतरण' और 'पूर्व राग व्याकरण नव प्रकल्पन' का किया लोकार्पण

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

रानीखेत-सांस्कृतिक समिति रानीखेत के द्वारा शिव मंदिर सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विश्वम्भर बिशन दत्त जोशी’शैलज’ द्वारा लिखित पुस्तकों ‘कुमाउनी रामायण रुपांतरण’ और ‘पूर्व राग व्याकरण नव प्रकल्पन’ का लोकार्पण किया गया।

शिवमंदिर धर्मशाला समिति के अध्यक्ष कैलाश पांडे, महासचिव अतुल अग्रवाल, छावनी परिषद के नामित सदस्य मोहन नेगी और हस्तशिल्पी भुवन साह ने डॉ ‘शैलज’ की पुस्तकों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने लोक भाषा कुमाउनी में रामायण का रुपांतरण करने के लिए डॉ शैलज का आभार‌ जताते हुए कहा कि इस कृति से कुमाउनी साहित्य में ‌श्रीवृद्धि होने के साथ ही मातृ भाषा के प्रचार में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में डॉ शैलज का श्रमसाध्य लेखन प्रशंसा योग्य है। शिवमंदिर समिति की ओर से डॉ विश्वम्भर बिशन दत्त जोशी ‘शैलज’ का शाल ओढ़ाकर नागरिक सम्मान भी किया गया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए साहित्यकर्मी विमल सती ने डॉ शैलज की साहित्य यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ईडा़ बजीना गांव निवासी डॉ शैलज द्वारा गोस्वामी तुलसीदास विरचित रामचरितमानस के पूर्व में आपने बाल कांड और सुंदर काण्ड का कुमाउनी रूपांतरण किया था।अब श्री रामचरितमानस के सातों सोपानों का प्रकाशन कुमाउनी रामायण के रूप में हमारे समक्ष है। रामायण जैसी‌ धार्मिक, सांस्कृतिक कृति के‌ लोक‌भाषा में आने के बाद आशा की जानी चाहिए जन जन तक कुमाऊंनी भाषा के प्रचार व रूझान में अभिवृद्धि होगी। विमल सती ने कहा कि‌ गोस्वामी जी की रामचरितमानस का अनुवाद अक्षरश: नहीं है कथानक का वर्णन पूरा वही है ,उपमान कहीं -कहीं कुमाउनी लिए गए हैं। कुछ नये छंदों की रचना आपने की है वहीं मानस से आए सभी छंदों को अपने छंदोबद्ध किया है, मात्रिक,वार्णिक छंदों में ये रचना प्रयास गेय रूप में आकर्षक बन पड़ी है। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान पू्र्व प्रमुख रचना रावत, व्यापार मंडल उपाध्यक्ष नेहा माहरा, विनीत चौरसिया,ओम् प्रकाश सिंह, मुकेश साह, दीप भगत, हेमंत मेहरा,भगवंत नेगी, एल डी पांडे, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, संगीत शिक्षिका मीनाक्षी उप्रेती, डॉ पारूल भारद्वाज,जगदीश जोशी, सचिन साह,संजय जोशी,खजाना पांडे सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे ।

रानीखेत से गोपाल बिष्ट की रिपोर्ट

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