दी टॉप टेन न्यूज़ /देहरादून
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज बुधवार प्रात: से शुरु हो गयी है देर शाम को श्री गणेश मंदिर के कपाट बंद हो गये है .आज श्री गणेश जी के मंदिर परिसर स्थित मंदिर में रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी आचार्यों द्वारा पूजा-अर्चना के पश्चात विधिवत पंच स्नान के पश्चात गणेश जी की मूर्ति को निर्वाण रूप में लाकर श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में बदरीश पंचायत के साथ दर्शनार्थ रखा गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रात: श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पहली पंच पूजा में शामिल हुए। भगवान बदरीविशाल के साथ ही उन्होंने बदरीश पंचायत में विराजमान हुए श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना एवं दर्शन किये सबकी मंगलकामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा अब अंतिम चरणों में है। अभी भी बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु बाबा बद्री विशाल के दर्शन करने आ रहे हैं। उन्होंने कहा पिछले दो तीन सालों से श्रद्धलुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। आने वाले समय में यात्रियों की संख्या में रिकार्ड वृद्धि होगी। सरकार का प्रयास है कि हर साल यात्रा और बेहतर हो उन्होंने कहा कि राज्य में यात्रा प्राधिकरण बनाया जा रहा है। फिर सभी धामों की यात्रा व्यवस्थाओं के हिसाब से सिस्टम विकसित किया जायेगा और संख्या सुनिश्चित की जाएगी इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुजन
भी दर्शन को पहुंचे है।
वहीं पंच पूजा के अंतर्गत आज रावल अमरनाथ नंबूदरी ने देर शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद किये।इस अवसर पर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया पूजा-अर्चना संपन्न की।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि कल 14 नवंबर बृहस्पतिवार को आदि केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे तथा 15 नवंबर को वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा
आज पंच पूजा के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, , मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी,ऋषि प्रसाद सती, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ,मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, राजेंद्र सेमवाल, मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़, योगंबर नेगी ,अमित डिमरी, नरेंद्र सिंह, हरीश जोशी आदि मौजूद रहे।