मानसखंड:ए सेक्रेड हिन्दू लैंडस्केप रिकॉलिंग डिवाइन हेरिटेज एंड पिलीग्रिमिज स्पेसेस विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला जारी

 

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

अल्मोड़ा :नेपाल अध्ययन केंद्र (अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद) द्वारा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक पर्यटन परिपथ, अध्ययन केंद्र , मौलाना अबुल कलाम आजाद, इंस्टिट्यूट ऑफ एसियन स्टडीज और आई.सी.एच.आर.के सहयोग से विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रो राजेश खरात ने मानसखंड कॉरिडोर: अपॉरचुनिटी एंड प्रॉस्पेक्ट्स, प्रो वीनू पंत ने जिओ कल्चरल हिस्ट्री:अंडरस्टैंडिंग स्पिरिचुअल लैंडस्केप्स एंड डेवलपिंग सब्जेक्टिव मेथोडोलोजिस इन हिस्टोरिकल रिसर्च, प्रो वसुधा पांडेय ने शिव तत्व विमर्श इन द मानसखंड विषय पर चर्चा की।

डॉ रीतेश शाह ने एक्सप्लोरिंग ट्रेडिशनल वाटर मैनेजमेंट टेक्निक्स इन दी सेंट्रल हिमालयाज:ए कंप्रेटिव स्टडी बिटवीन मानसखंड रीजन ऑफ उत्तराखंड, इंडिया एंड फॉर वेस्टर्न नेपाल, भगवती प्रसाद पांडेय ने द अंडरलाइंग यूनिक करेक्टरस्टिक ऑफ अवर वैदिक/सनातन धर्म, पद्मभूषण प्रो कपिल कपूर ने सेक्रेड जॉग्रॉफी इन इंडिया विषय पर अपने शोध पढ़े। इसके उपरांत के तकनीकी सत्र में प्रो वीरेंद्र सिंह (आई.आई.टी., बॉम्बे), प्रदीप सिंह (डिप्टी सर्वे जर्नल ऑफ इंडिया), राजीव नयन (सदस्य, मकायस) आदि ने संबंधित विषय पर बात रखी। इस प्रथम तकनीकी सत्र में अध्यक्षता डॉ राजीव नयन और स्वागत कथन डॉ स्वाति सिंह ने की।

द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ दीपा दुर्रई स्वामी ने द अगेमिक एंड पौराणिक कनेक्शन बिटवीन द रीजन एंड द साउथ ऑफ इंडिया एंड वायस टू इनक्रीस अटेंशन्स न द सेम, डॉ हेमा उनियाल ने पुराणिक संदर्भ में मानसखंड की अवधारणा, संस्कृति तीर्थों और मेरी मानस क्षेत्र की विभिन्न यात्राएं, पूर्णिमा जाटव ने कुमाऊं और नेपाल के क्षेत्रीय त्योहारों में समानताएं विषय पर शोध आलेख वाचन किया।

इस (द्वितीय) तकनीकी सत्र में अध्यक्षता प्रो वीनू पंत ने की और स्वागत कथन डॉ रीतेश साह ने की।
दूसरे दिन संचालित हुए तकनीकी सत्रों में श्याम परांडे (जनरल सेक्रेट्री, अन्तराष्ट्रीय सहयोग परिषद, नई दिल्ली), विशिष्ट अतिथि प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी (पूर्व कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा), प्रो राजेश करात (दिल्ली विश्वविद्यालय), डॉ लवी त्यागी (अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद), डॉ. स्वेता सिंह, रेवित, डॉ महेश कुमार, नवनीत यादव, प्रो देवसिंह पोखरिया, डॉ हयात रावत, दीप्ति शर्मा, सम्भावी, प्रो वीरेंद्र सिंह (आई.आई.टी., बॉम्बे), प्रदीप सिंह (डिप्टी सर्वे जर्नल ऑफ इंडिया), डॉ चंद्र प्रकाश फुलोरिया, डॉ ललित जोशी, डॉ दीपा दुरई स्वामी (चेन्नई), डॉ हेमा उनियाल (दिल्ली), श्री कैलाश थपलियाल (,संयोजक, सीमांत फाउंडेशन), डॉ रितेश साह ( असिस्टेंट डायरेक्टर, यू जी सी अकादमिक स्टॉफ, कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल), डॉ रितेश साह ( दिल्ली विश्वविद्यालय) आदि सहित कई राज्यों के विद्वानों ने मानसखंड को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला में भागीदारी की।

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