लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद्, इनोवेटर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक पिछले 20 दिनों से आखिर क्यों बैठे है आमरण अनशन पर,सरकार से क्या है उनकी मांगे

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून

देहरादून :लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद्, इनोवेटर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक पिछले 20 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। वांगचुक ने अपने अनशन का नाम क्लाइमेट फास्ट यानी पर्यावरण उपवास दिया है।

वांगचुक क्यों कर रहे हैं पर्यावरण उपवास

सोनम वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर 6 मार्च से लेह में भूख हड़ताल पर हैं. हर दिन उनके साथ सैकड़ों लोग समर्थन जताने के लिए भूखे रहते हैं और कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोते हैं।

वांगचुक की मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य देने की और संविधान की छठी अनुसूची लागू कराने की है. 6 मार्च को अनशन की शुरूआत करते हुए वांगचुक ने कहा था, “मैं आज फिर आप लोगों से मुखातिब हूं. मगर इस बार एक अनशन शुरू करने के लिए…आमरण अनशन. चुनाव आने के संदर्भ में इसे हम चरणों में करेंगे. 21-21 दिन के चरणों में, जब तक हमारे लद्दाख की आवाज सुनी नहीं जाती…जब तक सरकार लद्दाख पर ध्यान न दें.”

सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को भूख हड़ताल को 20 दिन हो गए है रोज की भांति सोमवार (25 मार्च) को उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि अभी तक सरकार से एक शब्द नहीं बोला गया है।

सोनम वांगचुक ने बताया है कि वह केवल पानी और नमक का सेवन कर रहे है. उन्होंने अपनी मुहिम को क्लाईमेट फास्ट नाम दिया है. सोनम वांगचुक के समर्थन में भारी संख्या में लोग भी उपवास कर रहे है. वांगचुक अपनी भूख हड़ताल के दौरान रोजाना सोशल मीडिया पर अपडेट दे रहे हैं।

सोमवार (25 मार्च) को सोनम वांगचुक ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट किया, ”मेरे क्लाइमेट फास्ट का 20वां दिन. 3000 हजार लोग मेरे साथ उपवास कर रहे हैं लेकिन अब तक सरकार की तरफ से एक शब्द भी नहीं बोला गया. लोकतंत्र के लिए बहुत ही असामान्य… जब 90 फीसद आबादी नेताओं को उनके वादे याद दिलाने के लिए सामने आई है और सैकड़ों लोग 20 दिन से अनशन पर हैं, लेकिन हम देश भर में जनता के समर्थन से बहुत प्रभावित हैं… समझौता किए गए मुख्यधारा मीडिया की भरपाई कर रहे हैं.”

https://www.instagram.com/reel/C47paWrxRoc/?igsh=MTc4MmM1YmI2Ng==

सोनम वांगचुक ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें काफी संख्या लोग बैठे दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में सोनम वांगचुक ने बताया कि वह बहुत थका हुआ महसूस कर रहे हैं, 20 दिन से भूख हड़ताल के कारण ऐसा महसूस करना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस महाने देश और इसके नेताओं, खासकर आम जनता में विश्वास नहीं खोया है.

सोनम वांगचुक ने कहा, ”जहां तक नेताओं और मुख्यधारा के मीडिया की बात है, जो लोकतंत्र के स्तंभ की तरह है, मुझे यकीन है कि उनकी अंतरात्मा उन्हें रात को सोने नहीं देगी, उन्हें एहसास कराएगी कि वे लद्दाख के साथ क्या कर रहे हैं. मैं बस आप सभी को धन्यवाद देता हूं, देश के नागरिक को, सामान्य शक्तिहीन नागरिकों को, जो लद्दाख के लिए ऐसे सहारा बने जिन्होंने मीडिया बनकर हमारी बातों को दूर-दूर तक देश के हर नागरिक तक पहुंचाया।

सोनम वांगचुक ने पीएम, गृह मंत्री और राष्ट्रपति से जताई उम्मीद

सोनम वांगचुक ने कहा, ”मुझे यकीन है कि यह हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री और माननीय राष्ट्रपति तक भी पहुंचेगा और मुझे अब भी विश्वास है कि वे जल्द ही समझेंगे और न्याय करेंगे. मैं आज बस इतना ही कह सकता हूं. बहुत बहुत धन्यवाद और जय हिंद.” वीडियो के अंत में लिखकर होली की शुभकामनाएं भी दी गई हैं।

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