क्लाइमेट चेंज के सवाल के साथ आयोजित होगा दस हजार बच्चों के साथ फूलदेई 

 

बच्चे रंग भरने, लेखन और संवाद के साथ करेंगे दुनिया में हो रहे जलवायु परिवर्तन की बात

       
मेरे गाँव का स्कूल मवाधार अध्याय के साथ प्रारम्भ होगी ग्रामीण स्कूलों में सामाजिक सहभागिता की पहल 
   
बाल साहित्य पर सृजन संवाद, मातृभाषाओं का संवाद सत्र, फुलारी क्रिएटिव फेस्ट का आयोजन   

दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून                                                                   
देहरादून : इस वर्ष फूल फूलदेई के आने से पहले ही खिलने लगे हैं बुरांश और अन्य फूल जिन्हें मार्च में फूलना था वो जनवरी में ही फूल गये, देहरादून के आसपास दिसम्बर- जनवरी में बारिश नहीं हुई, जबकि फरवरी के अंत में ठंड, बारिश और वर्फ पड़ी है.यह  स्पष्ट तौर ग्लोबल वार्मिंग का मौसम परिवर्तन पर असर है, वर्ष 2018 में आई Intergovernmental Panel on Climate Change, (IPCC) की  रिपोर्ट के बाद दुनिया में तय किया गया कि वैश्विक तापमान को बढ़ने से रोका जाये और वर्ष 2030 तक इसे 1.5 डिग्री से अधिक न बढ़ने दिया जाये, तथा उसके पश्चात इस तापमान वृद्धि को धीरे कम करते हुए, औधोगिक क्रांति से पूर्व के स्तर पर लाया जाये.अभी कुछ रिपोर्ट बता रही हैं कि यह 1.5 डिग्री तापमान जिसे 2030 तक बढ़ने से रोकना था, वह लगभग बढ़ चुका है, हम उत्तराखंड हिमालय के लोग जलवायु परिवर्तन कि इस बहस में अपनी भूमिका को कैसे स्थापित करते हैं और नयी पीढ़ी को शामिल करते हुए एक नागरिक पहल किस तरह कर सकते हैं इस निमित्त इस बार हम उत्तरखंड के दस हजार बच्चों के फूलदेई अभियान में क्लाइमेट चेंज के दौर में फूलदेयी पर लेखन रंग और संवाद का आयोजन कर रहे हैं। आयोजन 14 मार्च से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल तक आयोजित होगा।  जिसके अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में धाद के शिक्षा में समाज की रचनात्मक भूमिका के कार्यक्रम कोना कक्षा का के अंतर्गत आयोजन किये जाएंगे

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