दी टॉप टेन न्यूज़ देहरादून
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते रोज सदन में महिलाओं को लेकर एक विवादित बयान दिया था जिसे लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है
विपक्ष से लेकर महिलाओं तक इस बयान को लेकर देशभर में उबाल देखा जा रहा है हालांकि अपने उस बयान पर अपनी चौतरफा निंदा के बाद नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है लेकिन महिलाओं को लेकर दिए गए इस तरह के बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नैतिकता के तौर पर इस्तीफा भी मांगा जा रहा है।
वही इस मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहां की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान भद्दे मजाक की तरह है और किसी सी ग्रेड फिल्म का डायलॉग लगता है। वही आयोग की अध्यक्ष ने स्पीकर से मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग भी की है।
वहीं इस मामले पर उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखते हुए नाराजगी व्यक्त की है उन्होंने लिखा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार द्वारा बिहार विधानसभा सदन के दौरान जनसंख्या पर रोकथाम विषय पर महिलाओं के लिए अश्लील व अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया गया मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के प्रति इस तरह की भावना व बयान दिया जाना संवेदनहीन प्रतीत होता है। जहां एक ओर भारत देश महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के विरूद्ध इस तरह के बयान महिला के दृष्टिगत गम्भीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
समाज में महिलाओं के प्रति इस तरह की भावना महिला असुरक्षा एवं पुरुष की अभद्र मानसिकता को प्रदर्शित कर रहा है। महिलाओं के प्रति ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। इस सन्दर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार को लिखित रूप में माफी मांगनी चाहिए।
महिलाओं को लेकर इस बयान को देकर किरकिरी का शिकार हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सदन में मंगलवार 7 नवंबर को जनसंख्या नियंत्रित करने में महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा था कि महिलाओं के शिक्षित होने से राज्य में जनसंख्या को कंट्रोल करने में मदद मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने के कारण शादी के बाद जब पुरुष अपनी पत्नी से संबंध बनाने को कहता है तो अब महिलाएं उन्हें ऐसा करने से रोक लेती है, जिससे बिहार की जनसंख्या नियंत्रित हो गई है।
हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए भाषण की निंदा के बाद उन्होंने सेक्स एजुकेशन को लेकर दिए अपने भाषण को लेकर कहा कि मैंने तो महिलाओं की शिक्षा की बात की थी. हमने यूं ही ये बातें कह दी थीं, अगर कोई आहत हुआ है तो मैं माफी मांगता हूं. इसके बाद सीएम नीतीश ने सदन में भी माफी मांगी है।
सदन में बोलते हुए नीतीश ने कहा कि हम महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हैं. अगर मेरी किसी बात से तकलीफ हुई है तो अपने शब्द वापस लेता हूं. मैं अपनी खुद निंदा करता हूं. मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं बल्कि दुख भी प्रकट कर रहा हूं. वहीं विपक्ष के विधायक इस दौरान सदन में हंगामा करते रहे।