संस्कार व शैक्षिक सफलता का नया पता सरस्वती विद्या मंदिर

दीपक फुलेरा

देहरादून–  भले ही वर्तमान समय मे अभिभावको में समाज की देखा देखी अपने बच्चो को मंहगे कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाने का चलन बढ़ाहो। लेकिन उत्तराखण्ड शिक्षा बोर्ड के हाई स्कूल व इंटर की परीक्षाओं के परिणामो में प्रदेश के सरस्वती शिक्षा मंदिर के बच्चो ने जिस तरह सफलता के झंडे गाड़े है।वह वाक़ेई उत्तराखण्ड में संस्कार वान शिक्षा व सफलता देने वाले शैक्षिक संस्थान के रूप में आमजन के सामने आए है।

इस बार की बोर्ड परीक्षाओं में इंटर के परीक्षाफल परिणामो में जंहा पूरे प्रदेश में शताक्षी तिवारी 98 प्रतिशत उत्तरकाशी प्रथम व सक्षम नॉटियाल 97.8  फीसदी अंको के साथ दूसरे स्थान  पर सफल हुए है। वही ये दोनों ही सफल छात्र छात्रा सरस्वती विद्या मंदिर के ही छात्र है। इसके अलावा हाईस्कूल में अन्नता सकलानी देहरादून 99 फीसदी,अर्पित बर्थवाल ऋषिकेश,सुरभि गहतोड़ी 98.4 फीसदी अंको के साथ प्रदेश में प्रथम दूसरे व तीसरे   स्थान पर अपना कब्जा जमाया। सबसे बड़ी बात हाईस्कूल के इन परिणामो में भी यह रही कि प्रदेश स्तर पर पहले दूसरे व तीसरे स्थान पर मेरिट पर कब्जा जमाने वाले ये विद्यार्थी भी सरस्वती विद्या मंदिर के ही छात्र थे। जिस तरह के उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड के इन परिणामो में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के प्रदेश भर के स्कूल के छात्र छात्राओं ने प्रदर्शन किया है। वह इस बात का परिचायक है कि उत्तराखण्ड में लंबे समय से सस्ती,सुलभ,संस्कारवान शिक्षा देने के क्षेत्र ने सरस्वती शिक्षा मन्दिर स्कूलों का आज भी कोई सानी नही है। वही सरस्वती विद्या मंदिर व विवेकानंद जैसे इनके सहायक स्कूल भी प्रदेश के नॉनिहालो को संस्कारवान व शिक्षित कर सफलता के पथ पर आगे बढ़ा रहे है। हालांकि कम संसाधनों के बावजूद भी इन स्कूलों के शिक्षक जंहा निःस्वार्थ भाव से बच्चो को संस्कारवान बना शैक्षिक सफलता का स्वाद चखा रहे है वह निश्चित ही इन स्कूलों को प्रदेश के शैक्षिक सिस्टम में श्रेष्ठ बनाता है। सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के बच्चे हालांकि हर वर्ष बोर्ड रिजल्ट में बेहतरीन प्रदर्शन करते है। लेकिन इस बार  हाई स्कूल इंटर के परिणामो में टॉप थ्री के अलावा भी मेरिट में अन्य स्थानों पर भी एसवीएम स्कूल के बच्चो ने अपना परचम लहरा इन स्कूलों के शैक्षिक सिस्टम को प्रदेश भर में श्रेष्ठसाबित किया है। एसवीएम जैसे स्कूल जिस तरह अपने शैक्षिक कर्तव्यों के साथ राष्ट्र्वादी,संस्कारवान ,चरित्रवान देश के भविष्य मानी जाने वाली भावी पीढ़ी को तैयार कर रहे है। वह निश्चित ही देश के निर्माण में इन स्कूलों के अहम योगदान को दर्शाता है। वर्तमान समय मे उन अभिभावको को भी एसवीएम जैसे स्कूलों में जाकर यह अवश्य देखना चाहिए कि किस तरह से यह स्कूल बच्चो में संस्कारों के साथ उनके चरित्र का निर्माण कर बेहतरीन शिक्षा को भावी पीढ़ी को परोश रहे है। साथ ही बोर्ड के आये परिणामो में सरस्वती विद्या मंदिर के बच्चो की सफलता को देख कर उन अभिभावको की भी आँखे खुलने का समय है जो समाज की देखा देखी अपने बच्चो को मंहगे स्कूलों में तो भेज रहे है लेकिन वह परिणाम वह मंहगे स्कूल नही दे पा रहे है जिस तरह अभिभावक चाहते है।

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